Shatkarma Cleansing Techniques in Hatha Yoga

"Shatkarma"  एक संस्कृत शब्द है जिसे Hatha yoga pradipika में 6 यौगिक शुद्धिकरण तरीको और क्रियाओ में से एक माना गया है , जिसका उद्देश्य मानव शरीर का डेटोक्सिफिकेशन और शुद्ध करना है जिससे मनुष्य का शरीर निरोग रहता है। satkarma क्रिया टॉक्सिन्स को निकालती है और ब्लॉकेज की समस्या का भी निवारण करती है जिससे मनुष्य शरीर में प्राणो का प्रवाह संतुलित रूप से होता रहे।

Shatkarma का नियमित अभ्यास शरीर को आतंरिक शुद्धि प्रदान करता है जिससे प्राणायाम और योग जैसी क्रियाए हमारे शरीर के लिए fatigue, discomfort और distraction को कम करने में लाभदायक होती है। 

Shatkarma को हमेशा एक विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए क्यूंकि इनकी सहायता से हम इसके संपूर्ण लाभों को ग्रहण कर सकते है।

Shatkarma Cleansing Techniques in Hatha Yoga

Different Types of Shatkarma Techniques in Hindi

Shatkarma क्रियाए 6 प्रकार की होती है , जो की कुछ इस प्रकार है :- 
1. Neti
2. Dhauti
3. Nauli
4. Basti
5. Kapalabhati
6. Trataka

The Sequence of Shatkarma in Gheranda Samhita:

धौतिर्वस्तिस्तथा नेतिर्लौलिकी त्राटकं तथा ।
कपालभातिश्चैतानि षट्कर्माणि समाचरेत् ।। ( घे०स 1/12 )
  • Dhauti
  • Basti
  • Neti
  • Nauli
  • Trataka
  • Kapalbhati

The Sequence of Shatkarma in Hatha Pradipika:

धौतिर्बस्तिस्तथा नेति: त्राटकं नौलिकं तथा ।
कपालभातिश्चैतानि षट् कर्माणि प्रचक्षते ।। ( ह०प्र० 2/22 )
  • Dhauti
  • Basti
  • Neti
  • Trataka
  • Nauli
  • Kapalbhati

Explanation

1. Neti

Neti नासिका मार्ग को शुद्ध करने की प्रक्रिया और साइनस के खतरे को कम करने का एक सहज मार्ग है।

यह दो तरीकों से किया जा सकता है:

एक तो नमकीन घोल के साथ नाक को साफ करने के लिए एक Neti पॉट का उपयोग करना, या नासिका से धागे को मुंह से बाहर निकालना। इन्हें क्रमशः जल नेति और सूत्र नेति कहा जाता है।

neti satkarma technique

2. Dhauti 

Dhauti आहार नली  को साफ़ करने का एक यौगिक तरीका है , जो गले के साथ साथ घुटकी, मुंह, पेट, आंतों और मलाशय को शुद्ध करने का काम करती है। आंत के विभिन्न भागों को साफ करने के लिए 11 प्रकार की धौति होती हैं। एक प्रसिद्ध तरीका है जिसमे एक लंबे कपड़े को स्वास नली में डालना होता है जिससे पेट, कफ , पित्त और अन्य अशुद्धियों को हटाने में सहायता मिलती है।

dhauti satkarma technique
3. Nauli

Nauli एक ऐसी क्रिया है जो पेट में मांसपेशियों की सफाई और पाचन तंत्र को मज़बूत करने में सहायक होता है , इसमें पेट की मांसपेशियों को संकुचित किया जाता है, जो शारीरिक रूप से उत्तेजना पैदा करता है। यह क्रिया करने के लिए अत्यंत कड़े अभ्यास की आवश्यकता पड़ती है, क्यूंकि इसमें सभी पेट से सम्बन्धिक क्रियाओं को नियंत्रण करना पड़ता है।

Nauli Satkarma Technique

4. Basti

Basti यौगिक क्रिया में बड़ी आंत की सफ़ाई का काम होता है , जिसे करने के लिए योगी को एक पानी से भरे कुंड में बैठना होता है और uddiyana bandha की  सहायता  से  जल को मलाश्य में खींचने का प्रयास करता है और क्रिया के ख़तम होने पर पानी को निष्काषित कर दिया जाता है।

5. Kapalbhati

Kapalbhati एक स्वास क्रिया है जिसमे स्वास को बलपूर्वक पेट के अंदर खींचा जाता है और फिर कुछ समय बाद स्वास बहार निकाल दिया जाता है। इस क्रिया को 10 - 20 बार करने से स्वास तंत्र मज़बूत होता है।

kapalbhati satkarma technique

6. Trataka

Trataka क्रिया में मोमबत्ती की लोह के ऊपर अपना ध्यान एकाग्र करना होता है जिससे आँखों की सफाई और एकाग्रता में वृद्धि होती है। यह आँखों में रक्त संचार बढ़ाता  है और उनकी मज़बूती में भी सहायक होता है।

Trataka Kriya


Yogic Purpose of Shatkarma Cleansing Techniques

Shatkarma को शुद्धि क्रिया कहा जाता है पर ये इससे कई अधिक लाभ पहुंचाने में सहायक हैं। जैसे :-

1. यह शरीर के तीन दोष जैसे वात, पित, और कफ़ को निंयत्रण करने में सहायक हैं। 
2. यह तन और मन में नियंत्रण को बैठाता हैं। 
3. यह इड़ा और पिंगला नाड़ी में प्राण के प्रवाह में संतुलन बैठाता हैं । यहाँ से वह प्रवाह सुषुम्ना नाड़ी के माध्यम से  आगे बढ़ता हैं।
4. यह क्रिया शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है, इसे अंदर से साफ करती है और स्वस्थ रखती है।

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